बिहार दरोगा लिखित परीक्षा के परिणाम में हुआ बहुत बड़ा महाघोटाला
केंद्रीय चयन परिषद 11880 पदों का लिखित परीक्षा का परिणाम को घोषित कर दिया गया है जिनके अगले चरण का परीक्षा होने के लिए है लगभग 5 गुना अभ्यर्थियों का रिजल्ट घोषित किया गया था।
बिहार में सिपाही भर्ती का लिखित परीक्षा का परिणाम में बहुत ही बारा धांधली का आरोप लगा हुआ है।
इस परीक्षा में भाग लेने वाले हैं सभी अभ्यर्थियों ने केंद्रीय चयन परिषद के परीक्षा के परिणाम बहुत ही नतीजा को खड़ा कर दिया गया है। इस परीक्षा में लगभग कितनी भी विद्यार्थी एग्जाम दिए थे उनका मीटिंग गुरुवार को पटना में हुआ था और उन्होंने गड़बड़ी लेकर बहुत ही साबित पेश किए हैं। और अभ्यर्थियों ने यह कहा है कि परीक्षा के परिणाम में बहुत ही बड़ा घोटाला हुआ है
अभी अंखियों का यह कहना है कि 2 चरणों में होने वाली परीक्षा का आंसर शीट पहले ही वायरल हो गया था। बार-बार केंद्रीय चयन परिषद को ध्यान दिलाने के बाद भी इनके तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। अभ्यर्थियों का यह कहना है कि परीक्षा हॉल के अंदर जब मोबाइल फोन ले जाना वर्जित है तो फिर कैसे वायरल हुआ आंसर शीट। परीक्षार्थियों को यह कहना है कि 100 प्रश्न में से मात्र 25 प्रश्न को उत्तर देने के बावजूद भी उनको सिलेक्शन कर लिया गया है और उनका आंसर शीट भी वायरल है। अभ्यर्थियों ने आंसर शीट दिखाते हुए यह कहा कि सिर्फ 25 प्रश्न का उत्तर देने के बावजूद भी इनका चयन किस प्रकार से किया गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 12 जनवरी 2020 को होने वाली परीक्षा में 6 लाख 68 हजार परीक्षार्थी भाग लिया था इनमें सिर्फ 20000 परीक्षार्थी का परीक्षा फल घोषित किया गया था। जबकि 8 मार्च को परीक्षा में भाग लेने वाली परीक्षार्थी की संख्या 5 लाख 96 हजार 641 परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लिया था। इनमें सिर्फ 38000 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है। अभ्यर्थियों का मांग लिया है कि सिपाही भर्ती 11880 पोस्ट पर जो लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है इन परिणाम को रद्द कर दिया जाए। केंद्रीय चयन परिषद के मुताबिक 58264 परीक्षार्थियों का चयन किया गया था। यह बिहार का पहला परीक्षा नहीं है जिनको पर सवाल उठा है बिहार में बराबर परीक्षा में घोटाला होते रहता है। अभ्यर्थियों ने सिपाही भर्ती के परीक्षा के परिणाम के लिए बहुत ही सवाल उठाए हैं और रिजल्ट को रद्द करने के लिए मांग की है
अभ्यर्थियों का कहना है कि 12 जनवरी 2020 को होने वाली परीक्षा में 6 लाख 68 हजार परीक्षार्थी भाग लिया था इनमें सिर्फ 20000 परीक्षार्थी का परीक्षा फल घोषित किया गया था। जबकि 8 मार्च को परीक्षा में भाग लेने वाली परीक्षार्थी की संख्या 5 लाख 96 हजार 641 परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लिया था। इनमें सिर्फ 38000 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है। अभ्यर्थियों का मांग लिया है कि सिपाही भर्ती 11880 पोस्ट पर जो लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है इन परिणाम को रद्द कर दिया जाए। केंद्रीय चयन परिषद के मुताबिक 58264 परीक्षार्थियों का चयन किया गया था। यह बिहार का पहला परीक्षा नहीं है जिनको पर सवाल उठा है बिहार में बराबर परीक्षा में घोटाला होते रहता है। अभ्यर्थियों ने सिपाही भर्ती के परीक्षा के परिणाम के लिए बहुत ही सवाल उठाए हैं और रिजल्ट को रद्द करने के लिए मांग की है
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